क्या होते हैं सपने?
क्यों दिखतें हैं सपने?
क्या सपने हकीकत कि परछाई हैं
या परछाईयों कि हकीकत
जिनका चोला ओढ़े हम
सपने देखते हैं, और वह
सपने ही रह जाते हैं ,
नीद टूटते ही सब कुछ खत्म
सिर्फ हकीकत और फिर भविष्य के सपने
सपने तब खतरनाक होते हैं
जब जागते हुए देखे जाते हैं
सोते हुए सपने जगने के बाद
टूट जाने पर आराम देते हैं
पर जागते सपने अक्सर
हमें तोड़ देते हैं,
फिर वही निरुत्तर प्रश्न
क्या होते हैं सपने?
फिर वही जबाब
सपने तो सपने होते हैं
रत्नेश त्रिपाठी
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4 टिप्पणियां:
nice
सही लिखा।सुन्दर रचना है।
सपने तो सपने होते हैं।
सपने तो सपने होते हैं
-बिल्कुल जी!!
... बहुत खूब !!!!
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