आपका हार्दिक अभिनन्‍दन है। राष्ट्रभक्ति का ज्वार न रुकता - आए जिस-जिस में हिम्मत हो

बुधवार, 6 अक्तूबर 2010

राहुल गाँधी कि घृणित मानसिकता

राहुल गाँधी लगता है पागल हो गए हैं | या बेवकूफी छोड़ नही पा रहे हैं | इस सम्पूर्ण बिदेशी व्यक्ति ने आर एस एस को आतंकवादी संगठन सिमी के समान बताया है | अब इस सम्पूर्ण रूप से विदेशी हो चुके व्यक्ति से कौन पूछे कि जब तुम्हरे बाप दादाओं ने इस देश कि आजादी पर हस्ताक्षर किया था तो ब्रिटेन कि महारानी को ही इस देश कि महारानी स्वीकार किया था जिसका खंडन न तो बाद में बने भारतीय संविधान ने किया और न ही कांग्रेस ने | राजनीति विरासत में पाने वाले तथाकथित युवराज चार्ल्स राहुल गाँधी जिन्हें इस देश कि संस्कृति का पता ही नही (शायद पता हो, क्योंकि जहाँ लड़किओं और महिलाओं को देखते है सुरक्षा घेरा तोड़कर उनसे मिलने लगते है ) जिन्होंने कभी आर एस एस के लोगों मुलाकात ही नही कि, कभी आर एस एस को जानने का प्रयास ही नही किया, ऐसे परम गाँधीवादी तथाकथित युवराज चार्ल्स राहुल गाँधी आर एस एस को सिमी जैसे संगठन के समान मानते हैं | एक इस व्यक्ति के नाम से गाँधी हटा दिया जाये तो ..इसे अपनी खुद कि पहचान के लाले पड़ जायेंगे ....और ये आर एस एस जैसे राष्ट्रवादी संगठन को आतंकवादी संगठन बताता है |
अरे अगर यह आतंकवादी संगठन है तो इसपर वैन क्यों नही लगाते, तुम्हारी ही सरकार है | लोगों को वेवकूफ बनने वाले ऐसे राजनेता सामाजिक बहिस्कार के लायक है ....और इसका सामाजिक बहिस्कार होना चाहिए |
रत्नेश त्रिपाठी

रविवार, 3 अक्तूबर 2010

धर्म निरपेक्ष प्रगतिशील और लोकतान्त्रिक निवेदन


by Ankit Therealscholar on Saturday, October 2, 2010 at 11:15pm

मित्रों ,

अयोध्या के सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायलय ने जो हिन्दुओं के पक्ष में निर्णय दिया है वो अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण क्यूँकी सौभाग्यपूर्ण निर्णय तो वही होते हैं जोकि हिन्दुओं की आस्थाओं का मजाक उड़ाते हों | सभी प्रगतिशील तथा धर्मनिरपेक्ष मित्रों की तरफ से मैं सरकार को याद दिलाना चाहूँगा की हमारी राष्ट्रीय नीति के अनुसार ,जिसकी उद्घोषणा स्वयं हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने लाल किले के प्राचीर से की थी ,उसके अनुसार देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है अगर कुछ बच गया तो वो ही हिन्दुओं को मिलेगा और यह बचना नहीं चाहिए |इसके अतिरिक्त हमे पूर्व में बने गई परंपरा (शाहबानो प्रकरण) के अनुसार न्यायालयों के केवल उन्ही निर्णयों का सम्मान करना चाहिए को मुस्लिमो के हितों के अनुरूप हों |

अतः मैं सभी धर्मनिरपेक्ष , प्रगतिशील ,लोकतान्त्रिक और समाजवादी व्यक्तिओं की तरफ से भारत सरकार से आग्रह करना चाहूँगा की पूरा विवादित स्थल मुस्लिमों को देकर वहां पर एक विशाल मस्जिद तथा आतंकवादियों का एक विश्रामालय बनवाया जाय| क्यूँकी न्यायलय के इस निर्णय से अल्पसंख्यक मुस्लिमो की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं अतः निवेदन है की अयोध्या के बाकि समस्त मंदिरों को तोड़ते हुए बाबर का अधुरा कम पूरा किया जाय तथा वहां पर अतंकवादियो के लिए एक विशाल प्रशिक्षण केंद्र ,एक विशाल मदरसा एक जबरिया मतान्तरण केंद्र एक हिन्दूवध स्थल सहित इस्लाम के प्रचार प्रसार के आवश्यक सुविधों से युक्त एक केंद्र बनवाया जाये |क्यूँकी न्यायलय ने यह निर्णय हिन्दुओं के कारण दिया है अतः इस केंद्र के निर्माण तथा सञ्चालन में आने वाला व्यय हिन्दुओं पर जजिया कर लगाकर वसूला जाये |

इसके अतिरिक्त अल्पसंख्यकों की जो धार्मिक भावनाए आहत हुई हैं उसकी क्षतिपूर्ती के लिए अब से संसद भवन , न्यायिक परिसर और लाल किले सहित समस्त महत्वपूर्ण सरकारी और गैरसरकारी भवनों पर पाकिस्तानी ध्वज लहराया जाये |उपरोक्त समस्त उपायों क अपना कर ही हम अल्पसंख्यकों के मन में सुरक्षा तथा विश्वास का भाव उत्पन्न कर पाएंगे |

हम एक प्रगतिशील ,लोकतान्त्रिक , धर्मनिरपेक्ष तथा समाजवादी राष्ट्र हैं जो की इस उपायों को अपनाकर ही भगवा आतंकवाद जैसे गंभीर खतरों से मुकाबला कर सकता है |एक सभ्य समाज में इस उच्चन्यायलय जैसी फासीवादी और नाजीवादी शक्तिओं के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए | धन्यवाद

द्वारा !

http://www.facebook.com/notes/ankit-therealscholar/dharma-nirapeksa-pragatisila-aura-lokatantrika-nivedana/122575537797536