आपका हार्दिक अभिनन्‍दन है। राष्ट्रभक्ति का ज्वार न रुकता - आए जिस-जिस में हिम्मत हो

शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010

आईये हम संकल्प लें !

वन्देमातरम !
मै आजाद हूँ..आजाद ही रहूँगा ...और आजाद ही मरूँगा .....इसलिए गुलामी का कोई प्रतीक मुझे स्वीकार नहीं .....मेरे अन्दर इंडिया नहीं भारत जीता है ...इसलिए मेरा नववर्ष जो आने वाले चैत्र के नवरात्र के प्रथम दिन वर्ष प्रतिपदा को है ही मनाऊंगा...आप सब का भी स्वागत है ..हम अंग्रेजों से 56 साल आगे चलते हैं ...फिर इस गुलामी के प्रतीक ...को क्यों अपनाएं !

आईये हम संकल्प लें !

वन्देमातरम !
मै आजाद हूँ..आजाद ही रहूँगा ...और आजाद ही मरूँगा .....इसलिए गुलामी का कोई प्रतीक मुझे स्वीकार नहीं .....मेरे अन्दर इंडिया नहीं भारत जीता है ...इसलिए मेरा नववर्ष जो आने वाले चैत्र के नवरात्र के प्रथम दिन वर्ष प्रतिपदा को है ही मनाऊंगा...आप सब का भी स्वागत है ..हम अंग्रेजों से 56 साल आगे चलते हैं ...फिर इस गुलामी के प्रतीक ...को क्यों अपनाएं !

सोमवार, 13 दिसंबर 2010

मिस. डुगडुगी सिंह ! (दिग्विजय सिंह)

वैसे तो देश में पागलों की कमी नही है लेकिन संसद में बैठने वाले और बाहर पागल कुत्तों के रूप में घूमने वाले गृहमंत्री से लेकर महासचिव टाईप के नेता काफी दिखाई दे जाते हैं ...हमारे गृह मंत्री जिन्हें हिन्दू आतंकवादी दिखाई देता है और दिल्ली में बाहर के रहने वाले लोग गलत दिखाई देते हैं ..वैसे है तो पागलपन ही लेकिन उससे भी बड़े पागलपन की पराकाष्ठा अगर देखनी हो तो ....आपको मिस. डुगडुगी सिंह (दिग्विजय सिंह) को देखिये ...लेकिन अगर इनसब के पीछे की सच्चाई का पता लगाना बहुत ही आवश्यक है ....

क्या ऐसा नहीं हो सकता कि दिग्विजय को हमले की जानकारी पहले से ही रही हो और ये उन आतंकवादियों से मिला रहा हो .....करकरे के लोकेशन को जानकर इसने आतंकवादिओं को बताया हो ताकि इनको मरवाकर हिन्दुओं को फसाया जा सके ....इस दिग्विजय को भी थर्ड डिग्री देकर पूछना चाहिए ...ये सारी सच्चाई बक देगा ....मुझे लगता है ...मुम्बई हमले में इसका कहीं न कही रोल जरुर है .....इसकी जाँच होनी चाहिए ....

शनिवार, 11 दिसंबर 2010

मि. खेलू (राजीव शुक्ला)

एक हैं मि. खेलू (राजीव शुक्ला)जब क्रिकेट से मन भरता है तो इन्हें देश याद आता है अर्धनारीश्वर (पत्रकार/ नेता) की भूमिका निभाने वाले ये जनाब कहते हैं जब छःछः जाँच चल रहा है तो जेपीसी की मांग विपक्ष क्यों कर रहा है.अगर एक जाँच झूठ होगी तो दूसरी में सच्चाई सामने अ जाएगी .ऐसे में विपक्ष को संसद चलने देनी चाहिए.ये यह नहीं बता रहे हैं की जब विपक्ष एक जेपीसी पर ही संतुष्ट है तो यह छः छः जाँच क्यों? ये आईपीएल नहीं है खेलू जी....जहाँ से मोदी को फ़सा के भाग लिए आप लोग ...कमाए सब फंसा बेचारा एक ....इसपर कभी नही बोलते खेलू जी ...बोलेंगे कैसे साथ में बैठकर मैच जो देखते थे ....