आपका हार्दिक अभिनन्‍दन है। राष्ट्रभक्ति का ज्वार न रुकता - आए जिस-जिस में हिम्मत हो

सोमवार, 8 अक्तूबर 2012

मेरी माँ !

माँ आज ब्रत है
ब्रत है वो मेरे लिए
उसे ये याद नही कि उसको दवा खानी है
उसे याद है जीवितपुत्रिका ब्रत !
उसे इस बात कि परवाह नही कि
उसकी बूढी हड्डियो को भोजन चाहिए
उसे परवाह है जवान बेटे के स्वास्थ्य की
उसे याद है घर के सारे काम
लेकिन भूल गयी अपने को
क्यूंकि वो माँ है ! माँ
जिसका कोई मोल नही ............रत्नेश