राहुल गाँधी लगता है पागल हो गए हैं | या बेवकूफी छोड़ नही पा रहे हैं | इस सम्पूर्ण बिदेशी व्यक्ति ने आर एस एस को आतंकवादी संगठन सिमी के समान बताया है | अब इस सम्पूर्ण रूप से विदेशी हो चुके व्यक्ति से कौन पूछे कि जब तुम्हरे बाप दादाओं ने इस देश कि आजादी पर हस्ताक्षर किया था तो ब्रिटेन कि महारानी को ही इस देश कि महारानी स्वीकार किया था जिसका खंडन न तो बाद में बने भारतीय संविधान ने किया और न ही कांग्रेस ने | राजनीति विरासत में पाने वाले तथाकथित युवराज चार्ल्स राहुल गाँधी जिन्हें इस देश कि संस्कृति का पता ही नही (शायद पता हो, क्योंकि जहाँ लड़किओं और महिलाओं को देखते है सुरक्षा घेरा तोड़कर उनसे मिलने लगते है ) जिन्होंने कभी आर एस एस के लोगों मुलाकात ही नही कि, कभी आर एस एस को जानने का प्रयास ही नही किया, ऐसे परम गाँधीवादी तथाकथित युवराज चार्ल्स राहुल गाँधी आर एस एस को सिमी जैसे संगठन के समान मानते हैं | एक इस व्यक्ति के नाम से गाँधी हटा दिया जाये तो ..इसे अपनी खुद कि पहचान के लाले पड़ जायेंगे ....और ये आर एस एस जैसे राष्ट्रवादी संगठन को आतंकवादी संगठन बताता है |
अरे अगर यह आतंकवादी संगठन है तो इसपर वैन क्यों नही लगाते, तुम्हारी ही सरकार है | लोगों को वेवकूफ बनने वाले ऐसे राजनेता सामाजिक बहिस्कार के लायक है ....और इसका सामाजिक बहिस्कार होना चाहिए |
रत्नेश त्रिपाठी
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17 टिप्पणियां:
मैं आपसे सहमत हूँ.
उम्दा और सार्थक लेख के लिए
आभार .
मेरी निगाह में तो ओसामाबिन लादेन, इस्लामिक आतंकी और राहुल गांधी तीनों एक ही थैली के चट्टे बट्टै हैं..
तीनों किसी के सगे नहीं हैं, तीनों ही जो दूध पिलाता हैं उसे काटते हैं, तीनों जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं,.,
राहुल गधी ने काम तो जूते खाने का किया है
सही कहा है
बेबकूफ छोकरा है
यह तो प्रधान मत्री बनने के सपने देख रहा है...
किसके बारे में लिख रहे है आप , अपने स्तर को गिरा दिया वो हमारी आलोचना क़ा पात्र नहीं दया क़ा पात्र है.
पहली बात तो राहुल गाँधी नाम से भले हिन्दू लगते हो पर ईसाई माँ के ईसाई बेटे है .बहन भी ईसाई है तो rss से इन का पूर्वाग्रह समझा जा सकता है .
वैसे भी ये कोई नयी बात नही है .जब संघ का ये सब मिल कर भी कुछ नही उखाड़ पाए तो समय समय पर इन की पराजय इन के बयानों में दिखती है .
लगता है राम जन्म भूमि का फैसला इन को हजम नही हो रहा है क्यों की ये तो संघ की ही संकल्प शक्ति का परिणाम था .
वैसे किसी ने सच ही कहा है
"कुत्तो को घी हजम नही होता "
कोलंबिया और इटली की अर्थव्यवस्था ठीक नहीं चल रही उसकी खीज का असर है.
www.parshuram27.blogspot.com
व्यक्ति दिखावा कितना भी सौम्य कर ले, विकृत मान्सिकता सर उठाएगी ही।
झट से उत्तेजित हो जाते है यही तो हिन्दुओं की सबसे बड़ी बेवकूफी है ! युवराज ने जो कुछ कहा एक सोची समझी चाल का हिस्सा है , ताकि देशवासियों का ध्यान बंटाने के लिए एक नया बबाल खडा हो जाए और कॉमनवेल्थ भर्ष्टाचार का मसला ठन्डे बस्ते में चला जाये !
भाई गोंदियाल जी ये बात उत्तेजना कि नही है जो लोग करते हैं ये उनकी गलती है लेकिन कभी कभी विरोध न करना भी बड़ी गलती का वाहक बन जाता है |
ये देश की जनता का कसूर है जो इन कांग्रेसियों की चालों को समझ नही पा रही है ... ६३ वर्षों की गाँधी परिवार की गुलामी से अभी भी जागे नही हैं देश वासी .....और जहाँ तक राहुल गाँधी का सवाल है ... वो इस देश के प्रधानमंत्री बन जाएँगे जल्दी ही और ऐसे ही भारत वासी धीरे धीरे म्यूज़ियेम में रहने वाली वस्तू बन कर रह जाएँगे ..
aapse sahamat...rss our simi ko ekisi ke kah dene se ek nihi maan liyaa jaayegaa.
राजीव गांधी की हत्या संभवतः चर्च के षडयंत्र के तहत हुई थी। पिता राजीव के अन्दर हिन्दु संस्कार विद्यमान थे। पिता जिवित रहते तो वे राहुल को हिन्दु संस्कार अवश्य देते। लेकिन राजिव की हत्या के बाद राहुल तथा प्रियंका को सारे संस्कार अपनी ईसाई माता से मिले। प्रियंका विवाह भी एक ईसाई युवक से कराया गया।
अब हमे समझना होगा कि चर्च का मानस क्या चाहता है। जो चर्च चाहेगा वही राहुल करेगा। चर्च चाहता है भारत मे हिन्दु और मुसलमान झगडते रहे। उन्होने बडे सोच समझ कर यह बयान दिया है रा.स.स. तो सिमी जैसा है। ऐसा कह कर उसने एक तीर से दो शिकार किए है।
ऐसे ही लोगों की गलतियों का परिणाम आज तक देश भुगत रहा है !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
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