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बुधवार, 11 मई 2011

हाँ मै भी शर्मिंदा हूँ !

राहुल गाँधी की शर्मिंदगी ने मुझे आज झकझोर के रख दिया | साथ में दिग्विजय सिंह के किसानो के प्रति प्रेम ने मुझे और भी भावविह्वल कर दिया .....
हाँ मै भी शर्मिंदा हूँ ...लेकिन भारतीय होने पर नहीं ..इस बिदेशी पारिवारिक मानसिकताओं वालो के राज में एक नौजवान होने के नाते जीने पर ! मुझे गर्व है इस मातृभूमि पर और चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, पंडित ...राम प्रसाद विस्मिल जैसे करोणों नौजवानों पर ...लेकिन मै शर्मिंदा हूँ खुद पर और आज के करोणों भारतीय नौजवानों पर (इनमे राहुल गाँधी नहीं आते) की हम उन नौजवानों की तरह नहीं बन पाए ...इसीलिए राहुल गाँधी और इनके जैसे (जिनके परिवारों ने तथाकथित आजादी के बाद इस देश पर एकछत्र राज किया) विदेशी आज भी इस देश पर राज कर रहे हैं |
हाँ मै शर्मिंदा हू की दिग्विजय जैसे लोग इस देश का चीरहरण करने वाले देश द्रोहियों के पैरोकार बनाकर खुलेआम जहर उगलते हैं ..और मै खुछ नहीं कर पाता क्योंकि मै तथाकथित आजाद भारत में रहता हूँ |
हाँ मै शर्मिंदा हूँ क्योंकि मै इस देश के लिए कुछ ऐसा नहीं कर पा रहा हूँ जिससे की यह देश फिर से पुँराने गौरव को पाए !
लेकिन मै गर्व करता हूँ अपने इस देश पर अपने सनातन धर्म पर जिसने हम जैसे नौजवानों के कुछ न करने पर भी अपने आप को बचा रखा है | मुझे गर्व है अपनी संस्कृति पर की जिसने इतने आतातायिओं के आक्रमणों के बाद भी अपनी संस्कृति को बचा रखा है ...इस अपेक्षा में की कोई तो चाणक्य आएगा ..कोई तो शंकराचार्य आएगा ...कोई तो विवेकानंद आएगा ...कोई कोई .....तो ...जो पुनः मुझे अपने स्थान पर प्रतिष्ठापित करेगा .........
मुझे गर्व है की मै भारतीय हूँ ! और जिन्हें गर्व नहीं ...वो चुल्लू भर पानी में डूब मरें