आपका हार्दिक अभिनन्‍दन है। राष्ट्रभक्ति का ज्वार न रुकता - आए जिस-जिस में हिम्मत हो

गुरुवार, 20 दिसंबर 2012

दिल्ली की शर्मनाक घटना के बाद मै देश भर के सभी तथाकथित बुद्धिजीविओं के साथ साथ आम लोगों के आक्रोश और उनके द्वारा जो नए नए उपाय (जैसे लाल मिर्च का पाउडर या स्प्रे, प्रशिक्षण आदि) खोजे जा रहे हैं उसे पढ़ रहा हूँ और देख रहा हूँ ...ये सब तात्कालिक उपाय भी समाज की गिरती दशा ही बयान करते हैं ....
क्या हम इतना गिर गए हैं की महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी महिलाओं पर ही डालकर हम समाज को सुरखित कर सकते हैं ..नहीं ....
मै सिर्फ इतना ही कहाँ चाहता हूँ की पहले अपने परिवार में संस्कार भरिये .....ये संस्कारों का देश है ...और जब जब ये संस्कार धूमिल हुए हैं तब तब भारत संकट में आया है .....
सभी समस्याओं का एक ही निदान है ...खुद को और अपने परिवार को संस्कारित करिए ................

डॉ. रत्नेश त्रिपाठी

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