शनिवार, 11 दिसंबर 2010
मि. खेलू (राजीव शुक्ला)
एक हैं मि. खेलू (राजीव शुक्ला)जब क्रिकेट से मन भरता है तो इन्हें देश याद आता है अर्धनारीश्वर (पत्रकार/ नेता) की भूमिका निभाने वाले ये जनाब कहते हैं जब छःछः जाँच चल रहा है तो जेपीसी की मांग विपक्ष क्यों कर रहा है.अगर एक जाँच झूठ होगी तो दूसरी में सच्चाई सामने अ जाएगी .ऐसे में विपक्ष को संसद चलने देनी चाहिए.ये यह नहीं बता रहे हैं की जब विपक्ष एक जेपीसी पर ही संतुष्ट है तो यह छः छः जाँच क्यों? ये आईपीएल नहीं है खेलू जी....जहाँ से मोदी को फ़सा के भाग लिए आप लोग ...कमाए सब फंसा बेचारा एक ....इसपर कभी नही बोलते खेलू जी ...बोलेंगे कैसे साथ में बैठकर मैच जो देखते थे ....
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6 टिप्पणियां:
भैया बड़ा अच्छा व्यंग्य किया है। पसन्द आया।
आपका धन्यवाद!
प्रिय रत्नेश जी
नमस्ते ---हमारे यहाँ एक कहावत है सूप बोले- सूप बोले अब चलनी बोले जिसके बहत्तर छेड़,वास्तव में सोनिया की दोनों बहनों ने घोटालो में साथ प्रतिशत कमीशन लिया है आखिर राजीव जी को भी तो कुछ मिला ही होगा यदि नहीं तो सोनिया की चमचा गिरी में ही जीवन बिता कर परम सौभाग्य शाली होगे
बहुत सुंदर व्यंग लेकिन सत्य लिखा, मजा आ गया. धन्यवाद
खेल आख़िर खेल होता है जिसे छोटे-मोटे खिलाड़ी नहीं खेल सकते
क्या बात कही है...
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