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सोमवार, 13 दिसंबर 2010

मिस. डुगडुगी सिंह ! (दिग्विजय सिंह)

वैसे तो देश में पागलों की कमी नही है लेकिन संसद में बैठने वाले और बाहर पागल कुत्तों के रूप में घूमने वाले गृहमंत्री से लेकर महासचिव टाईप के नेता काफी दिखाई दे जाते हैं ...हमारे गृह मंत्री जिन्हें हिन्दू आतंकवादी दिखाई देता है और दिल्ली में बाहर के रहने वाले लोग गलत दिखाई देते हैं ..वैसे है तो पागलपन ही लेकिन उससे भी बड़े पागलपन की पराकाष्ठा अगर देखनी हो तो ....आपको मिस. डुगडुगी सिंह (दिग्विजय सिंह) को देखिये ...लेकिन अगर इनसब के पीछे की सच्चाई का पता लगाना बहुत ही आवश्यक है ....

क्या ऐसा नहीं हो सकता कि दिग्विजय को हमले की जानकारी पहले से ही रही हो और ये उन आतंकवादियों से मिला रहा हो .....करकरे के लोकेशन को जानकर इसने आतंकवादिओं को बताया हो ताकि इनको मरवाकर हिन्दुओं को फसाया जा सके ....इस दिग्विजय को भी थर्ड डिग्री देकर पूछना चाहिए ...ये सारी सच्चाई बक देगा ....मुझे लगता है ...मुम्बई हमले में इसका कहीं न कही रोल जरुर है .....इसकी जाँच होनी चाहिए ....

7 टिप्‍पणियां:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

कांग्रेस क्या है ये सभी जानते हैं.... लेकिन मीडिया ऐसी घटनाओ पर इतना बवाल नही मचाते जितना बी जे पी के लिये ।

राज भाटिय़ा ने कहा…

जनता अगर जागरुक हो जाये तो यह सारे हरामी भाग जायेगे,जब तक हम चुप रहेगे, सहते रहे गे यह हमारा मास नोचते रहेगे...

ABHISHEK MISHRA ने कहा…

बहुत अच्छा लेख ,
थर्ड डिग्री वाली बात एक दम वाजिब है .इन की अच्छी तरह धुलाई की जाये तो बहुत से राज बाहर आ जायेंगे .
ये हरामखोर ,चोर , कमीने ,भ्रष्ट , देश का धन विदेशी बैंक में जमा कर रहे है और यह हमारा अन्नदाता किसान आत्महत्या कर रहे है . बहुत से लोग रत के खाने में पानी पि कर सो जाते है .
क्रांति की जरुरत है

जयंत - समर शेष ने कहा…

दिग्विजय सिर्फ नाम का हिंदू है.. और बिलकुल भी भारतीय नहीं है... सिंह तो एकदम ही नहीं है.

मेरे प्रदेश का है.. इसका पुराना "गढ़" देखा था मैंने.. बिलकुल खंडहर हो रहा था... इसके "सी ऍम" बनाए से पहले... और बाद में देखिये तो हर जगह संगमरमर लगा!!!!! कैसे भाई कैसे??

दिग्गी राजा...
तेरा तो एक दिन बजे बाजा....

जयंत - समर शेष ने कहा…

दासता की बेडियाँ कटी नहीं,
बजने दो क्रान्ति का मृदंग..

जितेन्द्र ‘जौहर’ Jitendra Jauhar ने कहा…

आपके अन्दर जो ज्वाला धधक रही है...वैचारिक चिंतन की ज्वाला...यही ज्वाला परिवर्तन-कामी कहलाती है। जब ये विशाल रूप धारण करती है, तब परिवर्तन के चिह्न उभरने लगते हैं...इस ज्वाला को देश-हित में धधकाए रखिए...बधाई!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

किसी ने कहा था उनकी दिमागी जांच होनी चाहिए .... अब तो हो ही जानी चाहिए ....