हमारे देश में गाय प्राचीन काल से ही पवित्र मानी जाती रही है, लेकिन आज गाय कभी कचरे के ढेर पर तो कभी तंग गलियों में भटकती नजर आती है। अपने चित्रों द डेकोरेटेड काव के माध्यम से कलाकार सिद्धार्थ ने दुनियाभर में गायों की दुर्दशा को दर्शाया है। रेलीगेयर आर्ट गैलरी में प्रदर्शित अपने चित्रों के बार में सिद्धार्थ बताते हैं कि मैंने गायों की दुर्दशा व पीड़ा को चित्रों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया है। सिद्धार्थ ने अपने चित्रों को छह अलग-अलग भागों में चित्रित किया है, जिसमें गाय की पौराणिक व लौकिक रूप भी है दर्शाया गया है।
क्या हम इस चित्रकार की स्वर्गीय (देश के लिए मर चुका व्यक्ति) एम् ऍफ़ हुसैन से तुलना कर सकते हैं. संडास को पसंद करने वाले तथाकथित बुद्दिजीवियों का तो नहीं कह सकते लेकिन मानवता के लिए काम करने वाले कभी भी गन्दी विचारधारा के आधार पर प्रसिद्धि पाने वाले एम् ऍफ़ हुसैन से इस मानवतावादी चित्रकार की तुलना पसंद नहीं करेंगे.
चित्र व समाचार के अंश दैनिक जागरण द्वारा.
रत्नेश त्रिपाठी
क्या हम इस चित्रकार की स्वर्गीय (देश के लिए मर चुका व्यक्ति) एम् ऍफ़ हुसैन से तुलना कर सकते हैं. संडास को पसंद करने वाले तथाकथित बुद्दिजीवियों का तो नहीं कह सकते लेकिन मानवता के लिए काम करने वाले कभी भी गन्दी विचारधारा के आधार पर प्रसिद्धि पाने वाले एम् ऍफ़ हुसैन से इस मानवतावादी चित्रकार की तुलना पसंद नहीं करेंगे.
चित्र व समाचार के अंश दैनिक जागरण द्वारा.
रत्नेश त्रिपाठी
7 टिप्पणियां:
yadi chitra bhi dikhaayen to achchha rahega..
स्वर्गीय एम् ऍफ़ हुसैन- इतना सम्मान??
उसने अपनी परंपरा तोड़ दी, हम कैसे तोड़े आदत ही नहीं है.
नरकीय एम एप हुसैन कहो मरे भाई। दऊसरा भगवान के जिस स्वारूप की बात की गई है वो सिर्फ भारतीय नस्लों में पाया जाता है क्योंकि विदेशी गायों के जिन्स वदल दिए गये हैं। जरसी को हम गाय नहीं कह सकते ।जल्दी ही इस विषय पर पूरी जानकारी जुटाकर सबके पास पहुंचाने की कोशिश करेंगे।
desh drohiyo ka nam apne blog me na likhe to acchha rahega.
shiddharth se uski tulna nahi karni chahiye.
Aapke likhne ka tarika bahut acchha hai .
dhanyabad
desh drohiyo ka nam apne blog me na likhe to acchha rahega.
shiddharth se uski tulna nahi karni chahiye.
Aapke likhne ka tarika bahut acchha hai .
dhanyabad
हुसैन से किसी की भी समानता करना बेमानी है ख़ास कर किसी भारतीय की ...क्योंकि हुसैन भारतीय नही हैं ......
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