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शुक्रवार, 11 जून 2010

रोचक हरिद्वार यात्रा और माँ गंगा की आरती !

ये सत्य है की जब भक्त सच्चे मन से भगवान को बुलाते हैं तो भगवान किसी ना किसी रूप में उनकी पीड़ा हर लेते है, ठीक ऐसे ही जब उनकी प्रेरणा होती है तो भक्त बिना किसी योजना के उनके दरबार में पहुँच ही जाता है!
ऐसा ही कुछ हुआ मेरे साथ मै अपनी पी. एच. डी. की थीसिस लिखने में ब्यस्त था तभी हमारे एक परम मित्र अमित खरखडी जी ने अचानक कहा की हरिद्वार चलते हैं और भाई साहब (वहाँ अपने बड़े भाई तुल्य संत बालमुकुन्द जी भी उपस्थित थे) से मिलते हैं | बस फिर क्या था एक फोन हुआ रेडियो टेक्सी (तवेरा) हाजिर, और हमचल पड़े हरिद्वार |
सामान्य सी सोची यात्रा इतनी रोचक होगी हमें अंदाजा ही नहीं था | हम 3 .30 पर हरिद्वार पहुंचे , बालमुकुन्द जी एक कुष्ठ आश्रम ठहरे हुए थे | यह आश्रम संघ से लौटे एक प्रचारक माननीय आशीष जी के द्वारा शुरू किया गया था, हमें जानकारी मिली कि लगभग १००० कुष्ठ रोगियों कि चिकित्सा प्रतिदिन होती है | हमें तब जानकर आश्चर्य हुआ कि इन कुष्ठ रोगियों के बच्चों कि निशुल्क आवासीय विद्यालय भी "बंदेमातरम" संस्थान के माध्यम से चलाये जा रहे हैं | जिसकी देखरेख संघ से ही लौटे एक प्रचारक माननीय सर्वदेव जी करते हैं!
चंडीघाट के पास निर्मित यह कुष्ठ सेवाश्रम और वहीँ से आगे राजाजी नॅशनल पार्क से होते हुए चिल्ला बिजली परियोजना से कुछ दूरी पर मनोरम स्थान पर स्थित वह "वन्देमातरम" प्रकल्प को देखकर ऐसा लगा कि हम जो जीवन कि आपाधापी में एक दूसरे को पछाड़ते, लड़ते आगे बढ़ने के चक्कर में वास्तविक मनुष्यता को कहीं पीछे छोड़ चुके हैं | मुझे उन लोगों पर भी घृणा आई जो निरंतर संघ को और उनके द्वारा किये कार्यों कि भर्तसना करते हैं जबकि यह सत्य तक पहुंचते ही नहीं, खैर ..
उसके बाद हमने माँ चंडी के दर्शन किये तत्पश्चात हर कि पैड़ी पहुंचे और माँ गंगा की गोंद में बैठकर आसीम आनंद को प्राप्त किया और उनकी अदभुत आरती देखी |फिर निकल पड़े वापस उसी भागदौड़ की जिंदगी कि और ...|
अब बाकी जो यात्रा की रोचकता रही उसे अगले अंक में बताऊंगा, इस अंक में इसलिए नहीं लिखा की उसके चक्कर में भक्ति का माहौल दूषित हो जाता ..... तो इंतजार करें ...
प्रेम से बोलिए ..जय गंगा मैया !
रत्नेश त्रिपाठी

13 टिप्‍पणियां:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

Sach mein shaam ko aarti wala drishy bahut bhaavnaatmak hotaa hai.

समयचक्र ने कहा…

यात्रा संस्मरण बढ़िया लगे और कई जानकारी भी मिली...

दिलीप ने कहा…

jay ganga maiya...

Unknown ने कहा…

jay maa Gange

सूबेदार ने कहा…

Haridwar jane ka amit ji sahit apko bahut sari badhai ganga maiya to nirmal hai .kuchh hamare taraf se darshan kiye ki nahi .bahut acchha .
namaste

Smart Indian ने कहा…

सुंदर संस्मरण. यह रेडिओ टैक्सी क्या है?

aarya ने कहा…

@Smart Indian
यह दिल्ली की एक ट्रांसपोर्ट सेवा है, इमिडीएट कहीं जाना हो तो इनको काल करिए आधे घंटे के अन्दर ये आपके पास पहुँच जायेंगे |

kshama ने कहा…

Is tarah ke sansmaran padhna mujhe bahut achha lagta hai,kyonki, swayam bahut kam prawas kar pati hun!

... ने कहा…

jay ganga maiya ki

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

सुंदर संस्मरण...

arvind ने कहा…

सुंदर पोस्ट के लिए साधुवाद.

arvind ने कहा…

..जय गंगा मैया !

बेनामी ने कहा…

jay gaga ma